मीठी बूंदी --
आवश्यक सामग्री -
बेसन को छान कर किसी बर्तन में निकाल लीजिये. घोल बनाने के लिये, बेसन में आधा कप पानी मिलाकर, गाड़ा घोल बनाइये, अब थोड़ा थोड़ा पानी डालकर घोल को पतला कीजिये, ये घोल इतना गाड़ा होना चाहिये कि घोल जब छलनी के ऊपर डाला जाय तो वह बूंद बूंद करके छलनी के छेद से गिरे . घोल को एकदम चिकना होने तक खूब फैटिये, घोल में २-3 छोटे चम्मच घी या तेल डालिये, थोड़ा और फैंट लीजिये. तैयार घोल को कुछ समय ढककर रख दीजिये. बेसन का घोल बूंदी बनाने के लिये तैयार है.
घोल तैयार होने तक बूंदी के लिये चाशनी तैयार कर लेते हैं. चीनी को किसी बर्तन में डालिये और चीनी से आधा पानी यानी कि 2 कप पानी डालकर चाशनी बनने के लिये आग पर रखिये. पानी में उबाल आने पर, चीनी में कुछ गन्दगी हो तो एक टेबल स्पून दूध डालिये और झाग आने पर झाग
को चम्मच से हटा दीजिये. झाग निकालने से चाशनी एकदम साफ बनती है. चाशनी को चैक कीजिये कीजिये, , उंगली और अंगूठे के बीच चाशनी चिपका कर देखिये, चाशनी उंगली और अंगूठे के बीच में 2 तार बनने चाहिए , चाशनी बन चुकी है. . तैयार चाशनी में केसर और केसर रंग तथा इलाइची मिला दीजिये.
अब बूंदी तल लेते है ...
बूंदी बनाने के लिये छलनी का प्रयोग किया जाता है. छलनी के छेद जितने छोटे या बड़े होते हैं बूंदी भी उसी के हिसाब से छोटी या बड़ी बनती है.
भारी तले की चौड़ी कढ़ाई में घी या रिफाइन्ड डालकर गरम कीजिये. घी अच्छे से गर्म होना चाहिए और छलनी में थोडा -थोडा घोल डालकर बूंदी बनाइये .
. बूंदी जब हल्का सा रंग बदलने और कुरकुरे होने लगे तब इन्हें , झारे से निकालिये,
सारे घोल से इसी प्रकार बूंदी बनाकर चाशनी में डालकर डुबा दीजिये. चाशनी में बूंदी को चम्मच से ऊपर नीचे कर दीजिये, थोड़ी ही देर में बूंदी चाशनी को शोककर मुलायम हो जाती है. चम्मच से बूंदी को ऊपर नीचे करते रहिये. ठंडी होने पर खिली खिली मीठी बूंदी तैयार है.अब इसमें मेवे मिला दे
मीठी बूंदी आपके खाने के लिये तैयार है, स्वादिष्ट मीठी बूंदी आप अभी खाइये और बूंदी एकदम ठंडी होने के बाद एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये
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आवश्यक सामग्री -
- बारीक़ बेसन - 200 ग्राम (2 कप)
- चीनी - 4 कप
- छोटी इलाइची 8 -9 (छील कर कूट लीजिये)
- घी या तेल - बूंदी तलने के लिये.
- बादाम , पिस्ता , काजू -( छोटे टुकड़े कर ले )
बेसन को छान कर किसी बर्तन में निकाल लीजिये. घोल बनाने के लिये, बेसन में आधा कप पानी मिलाकर, गाड़ा घोल बनाइये, अब थोड़ा थोड़ा पानी डालकर घोल को पतला कीजिये, ये घोल इतना गाड़ा होना चाहिये कि घोल जब छलनी के ऊपर डाला जाय तो वह बूंद बूंद करके छलनी के छेद से गिरे . घोल को एकदम चिकना होने तक खूब फैटिये, घोल में २-3 छोटे चम्मच घी या तेल डालिये, थोड़ा और फैंट लीजिये. तैयार घोल को कुछ समय ढककर रख दीजिये. बेसन का घोल बूंदी बनाने के लिये तैयार है.
घोल तैयार होने तक बूंदी के लिये चाशनी तैयार कर लेते हैं. चीनी को किसी बर्तन में डालिये और चीनी से आधा पानी यानी कि 2 कप पानी डालकर चाशनी बनने के लिये आग पर रखिये. पानी में उबाल आने पर, चीनी में कुछ गन्दगी हो तो एक टेबल स्पून दूध डालिये और झाग आने पर झाग
को चम्मच से हटा दीजिये. झाग निकालने से चाशनी एकदम साफ बनती है. चाशनी को चैक कीजिये कीजिये, , उंगली और अंगूठे के बीच चाशनी चिपका कर देखिये, चाशनी उंगली और अंगूठे के बीच में 2 तार बनने चाहिए , चाशनी बन चुकी है. . तैयार चाशनी में केसर और केसर रंग तथा इलाइची मिला दीजिये.
अब बूंदी तल लेते है ...
बूंदी बनाने के लिये छलनी का प्रयोग किया जाता है. छलनी के छेद जितने छोटे या बड़े होते हैं बूंदी भी उसी के हिसाब से छोटी या बड़ी बनती है.
भारी तले की चौड़ी कढ़ाई में घी या रिफाइन्ड डालकर गरम कीजिये. घी अच्छे से गर्म होना चाहिए और छलनी में थोडा -थोडा घोल डालकर बूंदी बनाइये .
. बूंदी जब हल्का सा रंग बदलने और कुरकुरे होने लगे तब इन्हें , झारे से निकालिये,
सारे घोल से इसी प्रकार बूंदी बनाकर चाशनी में डालकर डुबा दीजिये. चाशनी में बूंदी को चम्मच से ऊपर नीचे कर दीजिये, थोड़ी ही देर में बूंदी चाशनी को शोककर मुलायम हो जाती है. चम्मच से बूंदी को ऊपर नीचे करते रहिये. ठंडी होने पर खिली खिली मीठी बूंदी तैयार है.अब इसमें मेवे मिला दे
मीठी बूंदी आपके खाने के लिये तैयार है, स्वादिष्ट मीठी बूंदी आप अभी खाइये और बूंदी एकदम ठंडी होने के बाद एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये
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